ABOUT THE POET
नाम – नाभादास
जन्म – 1570
मृत्यु – 1600
जन्म स्थान – जयपुर
निवास स्थान – वृन्दावन
माता – जानकी देवी
पिता – रामदास जी श्रीधर
शिक्षा – स्वधाय , सत्संग
दीक्षा गुरु – स्वामी अग्रदास
कृतियाँ – भक्तमाल अस्त्यंम
अभिरूचि – लोकभ्रमण, काव्य रचना,
कवि – राम सगुणोपासक
किस काल के कवि – भक्तिकाल
ACE HIGHLIGTS
1. आंख से अंधे
2. भक्ति कल के कवि
3. राम सगुणोपासक भक्ति धारा के कवि
4. गुरु और प्रतिपालक की देखरेख में स्वाध्याय
5. वृंदावन में स्थायी निवास
6. उनकी भक्ति मर्यादा के स्थान पर माधुर्यभाव
7. भक्त चरित्रो की माला है
8. छपय एक छंद है जो छः पंक्तियों का गेय पद है
9. 316 छपायो में 200 भक्तो के चरित्र का वर्णन है
10. यह छपय कबीरदास और सूरदास पर है
11. कबीर सब के हित का वर्णन कहते है
12. सूरदास की कविता चमत्कार अनुप्रास और वर्ण से भरी होती है
13. कबीर वर्णश्रम और पस्त दर्शन को नहीं मानते
14. सूरदास की भक्ति को देखकर लोग सर झुका लेते है
15. सूरदास के प्रवचन को सुनकर लोगो की बुद्धि बढ़ जाती है
EXPLANATION
PARAGRAPH ( 1 )
भगति विमुख जे धर्म सो सब अधर्म करि गाए ।
योग यज्ञ व्रत दान भजन बिनु तुच्छ दिखाए ।।
प्रस्तुत पंक्तियां नाभादास के द्वारा रचित भक्तमाल से लिया गया है। इस पंक्तियों के माध्यम से नाभादास ने कबीर वाणी की विशेषता पर प्रकाश डाला है। कभी कहते हैं कि जो व्यक्ति भक्ति के मार्ग से विमुख हो जाता है वह अधर्म के कार्यों में लिप्त व्यक्तियों की तरह काम करता है। तब योग व्रत यज्ञ दान और भजन सभी तुच्छ हो जाते हैं।
हिंदू तुरक प्रमान रमेनी सबदी साखी ।
पक्षपात नहि बचन सबहिके हितकी भाषी ।।
प्रस्तुत पंक्तियां नाभादास जी के द्वारा रचित भक्तमाल से लिया गया है। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि नाभा दास जी ने कबीर वाणी की विशेषता पर प्रकाश डाला है। कभी नाभादास जी कहते हैं कि कबीर ने हमेशा हिंदू और मुसलमान को प्रमाण और सिद्धांत की बात कही है। उन्होंने कभी भी पक्षपात नहीं किया है। उन्होंने हमेशा सबके हित की बात कही है
आरूढ़ दशा है जगत पै , मुख देखी नाहीं भनी ।
कबीर कानि राखी नहीं , वर्णाश्रम घट दर्शनी ।।
प्रस्तुत पंक्तियां नाभा दास जी के द्वारा रचित भक्तमाल से लिया गया है। इन पंक्तियों के माध्यम से नाभा दास जी कबीर वाणी की विशेषता पर प्रकाश डाला है। कवि नाभादास जी कहते हैं कि कबीर जी ने कभी भी चेहरे को देखकर बात नहीं किया। वह कभी भी पक्षपात पूर्ण बात नहीं कही। वह कहते हैं उन्होंने कभी भी सुनी सुनाई बातों को महत्व नहीं दिया है। वह हमेशा आंखों देखी बातों पर विश्वास करते हैं। उन्होंने चार वर्ण, चार आश्रम, और छह दर्शन को भी महत्व नहीं दिया।
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उक्ति चौज अनुप्रास वर्ण अस्थिति अतिभारी ।
वचन प्रीति निर्वही अर्थ अद्भुत तुकधारी
।।
प्रस्तुत पंक्तियां नाभा दास जी के द्वारा रचित भक्तमाल से ली गई है। इन पंक्तियों के माध्यम से नाभादास जी ने सूरदास जी के विशेषताओं को बताया है नाभादास जी कहते हैं सुरदास की कविताएं युक्ति, चमत्कार और अनुप्रास वर्ण से भरी हुई होती है उनकी कविताएं लयबद्ध और संगीतात्मक होती है। उन्होंने अपनी कविता की शुरुआत प्रेम वचनों से करते हैं और अंत भी प्रेम वचन से ही करते हैं।
पद प्रतिबिंबित दिवि दृष्टि हृदय हरि लीला भासी ।
जन्म कर्म गुन रूप सबहि रसना परकासी ।।
प्रस्तुत पंक्तियां नाभादास जी के द्वारा रचित भक्तमाल से ली गई है। इन पंक्तियों के माध्यम से नाभादास जी ने सूरदास जी की विशेषताओं को बताया है। कवि नाभादास जी कहते हैं कि सूरदास की दृष्टि दिव्य है, उन्होंने अपने दिव्य ज्ञान से ही कृष्ण और लीला का बखान किया है। उन्होंने प्रभु के जन्म, कर्म, गुण और रूप सभी को अपने दिव्य दृष्टि से देखकर ही उनका वर्णन करते है।
विमल बुद्धि हो तासुकी , जो यह गुन श्रवननि धरै ।
सूर कवित सुनि कौन कवि , जो नहि शिरचालन करै ।।
प्रस्तुत पंक्तियां नाभादास जी के द्वारा रचित भक्तमाल से ली गई है। इन पंक्तियों के माध्यम से नाभादास जी ने सूरदास जी की विशेषताओं को बताया है। कवि नाभादास जी कहते हैं, की जो भी व्यक्ति सूरदास जी के द्वारा कहीं गई भगवान के गुणों को सुनता है, उसकी बुद्धि विमल हो जाती है। वे कहते हैं कि ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जो सूरदास की कविताओं को सुनकर उनकी बातों मैं हां में हां ना भरे।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न || MCQs
LESSON – 4 छप्पय
1. नाभादास का जन्म कब हुआ था ?
A. 8 अप्रैल 1537
B. 8 मार्च 1570
C. 25 अप्रैल 1537
D. 15 अप्रैल 1537
उत्तर | B
2. नाभादास का जन्म कहाँ हुआ था ?
A. जयपुर के निकट ठिकाना धुला में
B. जायस गांव मध्य प्रदेश
C. वाराणसी, उत्तर प्रदेश
D. लाहौर, पाकिस्तान में
उत्तर | A
3. नाभादास का निधन कब हुआ था ?
A. 1643
B. 1630
C. 1200
D. 1550
उत्तर | B
4. नाभादास के दीक्षा गुरु कौन थे ?
A. स्वामी अग्रदास
B. स्वामी शुद्धानंद
C. स्वामी चतुर्दस
D. स्वामी नरहरिदास
उत्तर | A
5. भक्तमाला के रचयिता कौन है ?
A. कबीरदास
B. गुरु नानक
C. रैदास
D. नाभादास
उत्तर | D
6. भक्तमाला की रचना किस भाषा में हुई है ?
A. अवधि भाषा
B. बज्र भाषा
C हिन्दी खड़ी बोली
D. इनमे से कोई नहीं
उत्तर | B
7. भक्त चरित्रों की माला क्या है ?
A. मुंडमाल
B. पुष्पमाल
C. भक्तमाल
D. रत्नमाल
उत्तर | C
8. सबके हित का वचन कौन कहता है ? पाठ के अनुसार
A. सूर
B. कबीर
C. जायसी
D विद्यापति
उत्तर | B
9. ‘कानि ‘ का अर्थ क्या होता है ?
A. एक आँख का ना होना
B. एक कानवाला
C. अविश्वास
D. विश्वास, प्रतीत
उत्तर | D
10. नाभादास किसके शिष्य थे ?
A. तुलसीदास के रामानंद के
B. स्वामी अग्रदास के
C. महादास के
D. मोहनदास वर्मा
उत्तर | B
11. कबीरदास किस शाखा के कवि है ?
A. सगुण शाखा के
B. निर्गुण शाखा के
C. सर्वगुण शाखा के
D. इनमे कोई नहीं
उत्तर | B
12. ‘भक्तमाल ‘ किसकी कृति है ?
A. स्वामी अग्रदास की
B. कबीरदास की
C. नाभादास की
D. सूरदास की
उत्तर | C
13. नाभादास किस काल के कवि थे ?
A. भक्तिकाल की
B. रीतिकाल की
C. वीरगाथा काल के
D. भारतेन्दु काल के
उत्तर | A
14. आपकी पाठ्यपुस्तक में नाभादास की कविता किन दो कवियों के बारे में है ?
A. जायसी और सूरदास
B. कबीर और सूरदास
C. सूरदास और तुलसीदास
D. तुलसीदास और कबीर
उत्तर | B
15. नाभादास किस कवि के समकालिन थे ?
A. सूरदास
B. कबीर जी
C. तुलसीदास
D. भूषण जी
उत्तर | C
16. नाभादास किस धारा के कवि थे ?
A. सगुणोपासक राम भक्त धारा
B. स्वछंद धारा
C. ज्ञानमार्गी धारा
D. प्रेममार्गी धारा
उत्तर | A
17. नाभादास के अनुसार किसकी कविता को सुनकर कवि सिर झुका लेते है ?
A. सूरदास
B. कबीर
C. भूषण जी
D. तुलसीदास
उत्तर | A
18. नाभादास के पिता का नाम क्या था ?
A. रामदास जी श्रीधर
B. रामधर सिंह
C. रामश्रय जी
D. बाबु रवि सिंह
उत्तर | A
19. नाभादास के माता का नाम क्या था ?
A. पार्वती देवी
B. जानकी देवी
C. वयंति देवी
D. कुंती देवी
उत्तर | B
20. नाभादास किसके पक्के भक्त थे ?
A. श्री राम जी
B. श्री कृष्णा जी
C. राधा जी
D. शंकर जी
उत्तर | A
21. नाभादास जन्म से क्या थे ?
A. अंधे
B. बेहरे
C. गूंगे
D. शिक्षित
उत्तर | A
Jai Gurudev Jai Nabha Dass Ji
Sir iss me birth date wrong hai
Pls usse right krke likhe
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sir your information regarding the place of birth date of birth and date of death of Nabha das ji is wrong we the people of MAHASHA COMMUNITY from punjab himachal and jammu worship him as our guru i have been doing research and studying researchs on him from last five years . http://mahashacommunity.blogspot.com/