Answer the question form 1 to 6 lessons || हिन्दी दिगंत भाग-2
1. जायसी ने अपनी एक आँख की तुलना दर्पण से क्यो की है ?
जायसी ने अपनी एक आँख की तुलना दर्पण से करते है, क्योंकि दर्पण स्वच्छ और निर्मल होता है। वह मनुष्य की वैसी ही प्रतिछाया दिखाती है, जैसा वह वास्तव में होता है। कवि भी अपनी आँख को स्वच्छ और निर्मल मानते हैं। उनडे अंदर थोड़ा भी कृत्रिमता नहीं हैं। इसी गुण के कारण रूपवान लोग उनके पास आकर कुछ पाने की लालसा रखते है।
2. “फूल मरै पै मरे न वासु’ का क्या तात्पर्य है ?
“फूल मरे पर मरै न वासू” का अर्थ होता कि फूल मुरझा जाते हैं, लेकिन उसका सुगंध बरकरार रहता है, ठीक उसी प्रकार से गुणवान पुरुष मर जाते लेकिन उनका गुण हमेशा जिंदा रहता है।
3. कृष्ण जी खाते समय क्या-क्या करते है ?
कृष्ण जी खाते समय अपने बाल व्यवहार से सबका मन मोह लेते हैं। वह भोजन करते समय कुछ खाते हैं और कुछ धरती पर गिराते हैं। उन्हें मनाकर खाना खिलाया जाता है। यशोदा माता यह दृश्य को देखकर अत्यंत खुश हो जाती हैं। लेकिन कृष्ण की इच्छा दही, माखन और मिस्त्री खाने है।
4. गाय किस ओर दौड़ती है ?
गाय बाड़े की ओर दौड़ रही है अपने बड़े को दूध पिलाने के लिए
5. प्रथम पद में तुलसीदास ने अपना परिचय किस प्रकार दिया है ?
प्रथम पद में तुलसीदास अपना परिचय एक दीन, दुर्बल, मलिन और असहाय व्यक्ति के रूप में दिया है।
6. दुसरे पढ़ में तुलसीदास ने अपना परिचय किस प्रकार दिया है ?
दुसरे पद मे तुलसीदास ने अपना परिचय एक भिखारी के रूप में दिया है जो अपने कष्ट को हटाने के लिए श्रीराम से मदद माँगते हैं।
7. नामादास ने छप्यय में कवीर की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?
कबीर गंभीर स्वभाव के है।
वे कहते हैं बिना सच्चे प्रेम या भक्ति से पूजा, जप, तप, दान, योग और व्रत बेकार है।
कबीर हिन्दू और मुसलमान दोनों के लिए प्रमाणिक और सैद्धान्तिक बातें करते हैं।
8. “मूख देखी नाही भनी’ का क्या अर्थ है ?
कबीरदास हिन्दू और मुसलमान दोनों के लिए प्रामाणिक और सैद्धान्तिक बातें करते हैं। वे कहते है किसी के मुख को देखकर हिंदु या मुसलमान का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
9. नाभादास मे सूरदास के किन विशेषत का बताया है ?
सूरदास के पास दिव्यज्ञान है
वे अपना प्रवचन प्रेम वचन से शुरू और खत्म करते हैं
उनकी कविता चमत्कार अनुप्रास, और वर्ण से भरी हुई होती है
उनकी कविता लयबंध होती है।
उनकी कविता पर सभी हाँ में हाँ मिलाते है
उनके वचनों को सुनकर लोगों की बुद्धि तेज़ हो जाती है।
उनकी भक्ति को देखकर सभी लोग अपने सिर को झुका लेते हैं
10 ) कबीर ने भक्ति को कितना महत्व दिया ?
कबीर निर्गुण विचारधारा के एक महान कवि थे। उन्होनें भक्ति को बहुत कम महत्व दिया था। वे कहते है कि भक्ति में पाखंडवाद होता है। उन्होने भक्ति से ज्यादा मानव सेवा के महत्व पर जोर दिया था।
11 ) शिवाजी की तुलना भूषण ने मृगराज से क्यो की हैं ?
महाकवि भूषण जी ने अपने कवित में छत्रपति शिवाजी की महिमा का गुणगान किया है। वे शिवाजी की तुलना मृगराज से करते है क्योंकि जिस प्रकार से शेर का राज मृग पर रहता है ठीक उसी प्रकार से शिवाजी का राज मलेच्छ वंश के औरंगजेब पर है। वे अत्याचार और शोषण दमन के खिलाफ संघर्ष करते है।
12 ) शिवाजी की तुलना भूषण ने किन किन से की है ?
प्रस्तुत कविता में महाकवि भूषण ने छत्रपति महाराज शिवाजी की तुलना इन्द्र, परशुराम, जंगल की आग, शेर, सूर्य और कृष्ण से की है। श्रीराम, पवन, शिव,
13 ) छत्रशाल की तलवार कैसी है ?
छत्रशाल की तलवार सूर्य की किरणों के समान प्रखर और प्रचण्ड है। उनकी तलवार हाथियों के झुण्ड क्षणभर में काटकर समाप्त कर देती है। छत्रशाल की तलवार ऐसी नागिन की तरह है जो शत्रुओं के में लिपटकर मुण्डों की भीड़ लगा देती है। और काल को मुण्डों को भोजन कराती है को
14 ) बरसात को सरस कहने का क्या अभिप्राय है ?
बरसात जलों का राजा होता है। इसमें चारों तरफ जल ही जल होता है। पेड़ पौधे हरे भरे हो जाते है। जो लोग बरसात का आनंद लेते है उनका जीवन सरस हो जाता है। अर्थात जीवन में खुशियाँ आ जाती है । खेतों में फसल लहराने लगते है। किसानों के लिए खुशियाँ लाता है। इसलिए बरसात को सरस कहा गया है।
15 ) बरसात को सरस कहने का क्या अभिप्राय है ?
बरसात जलों का राजा होता है।
14 ) बरसात को सरस कहने का क्या अभिप्राय है ?
बरसात जलों का राजा होता है।