1. प्रिय कवि
भारत देश में अनेक महान कवि पैदा हुए। मुंशी प्रेमचंद उनमें से एक है। मुंशी प्रेमचंद जी मेरे प्रिय कवि है। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 ई में वाराणसी के, लमही गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम आनंदी देवी और पिता का नाम मुंशी अजायब था। उनकी शिक्षा उर्दू और फारसी से हुई थी। 1919 में BA करने के बाद, वे शिक्षा विभाग में इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हुए। सात बर्ष में उनकी माता और चौदह वर्ष की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया। उनका प्रारंभिक जीवन काफी संघर्षमय रहा। उनका विवाह पंद्रह साल में हुआ, जो असफल रहा। उन्होंने 1906 में दुसरा विवाह किया। उनकी तीन संताने थी। उनकी पहली उपन्यास का नाम निर्मला और अंतिम उपन्यास मंगलसुत्र था। उनकी मृत्यू 8 अक्टूबर 1936 में हो गया था।
2. होली
भारत एक त्योंहारों का देश है। यहाॅ अनेक त्यौहार मनाये जाते है। होली उनमें से प्रमुख है। यह रंगो का त्योहार है। होली बसंत ऋतु में मनाया जाता है । यह अत्यंत प्राचीन त्योहार है। यह प्रत्येक साल फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। इस दिन सभी बड़े और युवा रंगो से खेलते है। सभी लोग सुबह-सुबह रंग खेलते है फिर शाम नहाकर, नये नये कपड़े पहन कर लोग एक दुसरे को अबीर लगाते है। यह एक अलग ही प्रकार का त्यौहार होता है यह पुरे भारत में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है इसका सन्देश मौज़ मस्ती और रंगो से परिपूर्ण है
3. शिक्षा
न भारत में नारियों को हर दृष्टि से पूज्य शक्ति स्वरूप माना जाता रहा है। हमारे देश में नारी का महत्वपूर्ण री योगदान है नारी जगत जननी है, नारी के बिना इस सृष्टि को कोई भी अस्तिव नहीं है। नारी को देवी का अवतार माना जात है। हमारे देश में आज हम देखे तो शिक्षा का महत्व समझा जाता है। लोग शिक्षा का महत्व समझ रहे है। नारी की शिक्षा पर सरकार द्वारा विशेष रूप से जोर दिया जाता है। जब कोई नारी जब पढ़ेगी तभी श वह अपने परिवार को सही तरह से संभाल पाएगी और अपने बच्चों का पालन पोषण का पालन पोषण करने को सही ज्ञान उसमें आएगा। जब नारी पढ़ लिखकर कुछ ब न जायेगी त बवह अपने परिवार, समाज और देश के कुछ करेगी। इसलिए नारी शिक्षा पर विशेष रूप से जोर देना चाहिए।
4. कोरोना वायरस
कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या होती है। इस वायरस का संक्रमण सबसे पहले दिसम्बर महीने में चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था। यह वायरस बहुत ही खतरनाक है। यह मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है जो पुरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। “कोविड- 19” नाम का यह वायरस अब तक 70 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। हमें इस बीमारी से बचने के लिए मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए। हमें दिन में करीब 5 बार । साबुन से हाथ धोना चाहिए। छींकते समय नाक और मुंह को रूमाल से ढकना चाहिए।
5. वसंत ऋतु
भारत में मुख्यतः पाँच तरह के ऋतु होते है। ग्रीष्म ऋतु, जाड़े की ऋतु, वर्षा ऋतु, वसंत ऋतु, हेमन्त ऋतु ह आदि। पर मेरा पसंदीदा ऋतु वसंत ऋतु है। यह ऋतु फाल्गुन से वैसाख तक रहता है। यह मौसम ऋतुओं की रानी होती है। इस मौसम में ना ही ज्यादा गर्मी होती है ना ही ज्यादा ठंड होती है। इस ऋतु पर अनेक कविओं ने कविता लिखे। इस मौसम में नये फूल और फल लगने लगते है। चारो तरफ हरयाली ही हरयाली फैली होती है। इस ऋतु में लोग काफी प्रसन्न रहते ह
7. अनुशासन का महत्व
हर एक के जीवन में अनुशासन का सबसे बड़ा महत्व होता है। बिना अनुशासन के कोई भी खुशहाल जीवन नही जी सकता है। नियमों और कायदों के साथ ही जीवन जीने के तरीकों को ही अनुशासन कहते है। हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिए। बिना अनुशासन के कोई व्यक्ति अपने जीवन में सफल नही हो सकता है। अनुशासित जीवन ही लोगों को महान बनाता है। हमें अपने माता-पिता और बड़े आदमियों का आदर करना चाहिए। अनुशासन के द्वारा ही व्यक्ति अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है।
8. आत्मनिर्भर भारत
आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरूआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कोरोना संकट के दौरान किया गया था। इसकी शुरुआत भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए किया गया था। आत्मनिर्भर का अर्थ होता है स्वयं पर निर्भर होना, मतलब यह कि आपके पास स्वंय का हुनर हो जिसके बलबुते आप आगे बढ़कर अपने लिए या देश के लिए कुछ करना । इस अभियान के द्वारा भारत में लोगों को काम-काज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह कोशिश किया जायेगा कि अगले कुछ सालों में भारत की अधिकतर वस्तुए अपने ही देश तैयार होने लगेगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोना महामारी संकट में मोदी जी राहत पकैज देश के गरीब श्रमिकों के जारी करेगें। कोरोना के दौरान की स्थिति को देखते हुए भारत को आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। प्राचीन काल से ही भारत आत्मनिर्भर रहा है।
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