Lesson-2 || पद – सूरदास || Hindi 100 Marks | Class 12

 


पाठ – 2 – पद – सूरदास 


पद – सूरदास 
पाठ – 2 पद – सूरदास 

कवि – सूरदास 

जन्म1478

मृत्यु1583

स्थान – सीही ग्राम 

माता – जमुनादास 

पिता – पंडित रामदास 

दीक्षा गुरु – वल्लभाचार्य 

रचनाएँ – रसागर , सुरसावली , साहित्य लहरी , राधारसकेली आदि है |    

ACE Highlights

1. जन्म से अंधे 

2. भक्तिकाल के कवि 

3. कृष्णभक्ति शाखा के कवि 

4. ब्रजभाषा में रचना 

5. गऊघाट, वृन्दावन, पारसोली में निवास 

6. पर्यटन, सत्संग, कृष्णभक्ति, वैराग्य 

7. मृदुल, विनम्र, भावुक स्वभाव 

8. इनकी रचना “श्रीमदभागवत” की पद्धति पर द्वादश स्कन्द में 

9. कृष्ण के जन्म, शैशव, किशोरावस्था का वर्णन 

10. सूरदास के तीन विषय – विनय भक्ति, वात्सल्य, प्रेम शृंगार 

11. प्रस्तुत पद  वात्सल्य भाव के सूरसागर से संकलित 

12. ब्रज के कुँवर 

13. कमल के फूल खिल चुके है 

14. कुमुदनी की पंखुरियाँ सिकुड़ चुकी है 

15. भौंरे लता में छुप गए 

16. मुर्गा, पक्षी, गाय, नर-नारी गा रहे है 

17. नंदबाबा के गोद में 

18. यशोदा आनंद ले रही है 

19. सूरदास कृष्ण का जूठन माँग रहे है 



Lyrics 

जागिये , ब्रजराज कुँवर , कवल -कुसुम फूल 
कुमुद – वृंद संकुचित भय , भृंग लता भूले 
तमचुर खग -रोर सुनहु , बोलत बनराई 
रांभति गो खरिकनि मे , बछरा हित धाई 
बिंधु मलीन रवि प्रकास गावत नर नारी 
सूर स्याम प्रात उठौ , अम्बुज -कर -धरी 

जैंवत स्याम नन्द की कनियाँ 
कछुक खात , कछु धरनि गिरावत ,छवि निरखति नन्द रनियाँ 
बरी , बरा बेसन , बहु भाँतिनि , व्यंजन बिविध , अगनियाँ 
डारत , खात , लेत अपनै कर , रूचि मानत दधि दोनियाँ 
मिस्री , दधि , माखन मिश्रित करि , मुख नावत , सो छवि कहत न बनिया 
जो रस नन्द – जसोदा बिलसत , सो नहि तिंहू भुवानियां 
भोजन करि नन्द अचमन लीन्हौ , माँगत सूर जुठनियाँ 

Word Power

1.    भृंग – भौंरा 
2.   कँवल – कमल 
3.   कनियाँ – गोद 
4.   वृंद – समूह 
5.   रोर – कोलाहल 
6.   बनराई – पेड़ पौधे 
7.   अगनियाँ – अनेक 
8.   तमचुर – मुर्गा 
9.   बिधू – चँद्रमा 
10. अचमन – कुल्ला करना 


About Poet

तुलसीदास जी भक्तिकाल के एक महान कवि थे |  इनका जन्म 1478 को दिल्ली के निकट सीही ग्राम में हुआ था | इनकी मृत्यु 1583 को पारसौली गोवर्धन में हुआ था |  इनके पिता का नाम पंडित रामदास और माता का नाम जमुनादास था | इनके दीक्षा गुरु का नाम श्री वल्लाभाचार्य थे | इनकी प्रमुख रचनाएँ सूरसागर , सुरसावली , साहित्य लहरी , राधारसकेली आदि है |    

Hindi Explanation 

जागिये , ब्रजराज कुँवर , कवल -कुसुम फूल 
कुमुद – वृंद संकुचित भय , भृंग लता भूले 
प्रस्तुत पद सूरसागर से ली गई है , यह पद वात्स्ल्य भाव के है | इस पद के कवि सूरदास जी है | प्रस्तुत पंक्तियों में सूरदास जी ने मातृ स्नेह का भाव प्रकट करते हुए कहते है की माता यशोदा अपने पुत्र कृष्ण को सुबह होने पर जगा रही है | वह कहती है कि हे ब्रज के राजकुमार ! कमल के पुष्प खिल गये है, कुमुद के पुष्प संकुचित हो गए है , भौंरे कमल के पुष्प पर मंडराने लगे है | 
तमचुर खग -रोर सुनहु , बोलत बनराई 
रांभति गो खरिकनि मे , बछरा हित धाई 
प्रस्तुत पद सूरसागर से ली गई है , यह पद वात्स्ल्य भाव के है | इस पद के कवि सूरदास जी है | प्रस्तुत पंक्तियों में सूरदास जी ने मातृ स्नेह का भाव प्रकट करते हुए कहते है की माता यशोदा अपने पुत्र कृष्ण को सुबह होने पर जगा रही है | वह कहती है कि हे ब्रज के राजकुमार ! अब जाग जाओ मुर्गा बाँग देने लगे है, पक्षियों के चहकने के आवाज आने लगे है, गौशाला में गाय बछड़ों को दूध पिलाने के लिए रँभाने लगी है |  
बिंधु मलीन रवि प्रकास गावत नर नारी 
सूर स्याम प्रात उठौ , अम्बुज -कर -धरी 
प्रस्तुत पद सूरसागर से ली गई है , यह पद वात्स्ल्य भाव के है | इस पद के कवि सूरदास जी है | प्रस्तुत पंक्तियों में सूरदास जी ने मातृ स्नेह का भाव प्रकट करते हुए कहते है की माता यशोदा अपने पुत्र कृष्ण को सुबह होने पर जगा रही है | वह कहती है कि हे ब्रज के राजकुमार ! अब जाग जाओ, चँद्रमा का प्रकाश मलिन हो गया है, और सूर्य निकल आया है | नर नारियाँ प्रातः काल के गीत गाने लगे है | अतः हे श्याम सुन्दर अब उठ जाओ | 

जैंवत स्याम नन्द की कनियाँ 
कछुक खात , कछु धरनि गिरावत ,छवि निरखति नन्द रनियाँ 
श्री कृष्ण नन्द की गोद में बैठकर भोजन कर रहे है | वह कुछ कहते है, कुछ धरती पर गिराते है, और इस मनोरम दृश्य को  देखकर नन्द की रानी माँ यशोदा खुश हो रही है | 
बरी , बरा बेसन , बहु भाँतिनि , व्यंजन बिविध , अगनियाँ 
डारत , खात , लेत अपनै कर , रूचि मानत दधि दोनियाँ 
श्री कृष्ण नन्द की गोद  में बैठकर भोजन कर रहे है | उनके सामने विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे बेसन के बाड़े, बरियाँ आदि बने हुए है | वह अपने हाथो से कुछ खाते है और कुछ गिराते  है लेकिन उनकी रूचि केवल दही के पात्र  में अत्यधिक होती है 
मिस्री , दधि , माखन मिश्रित करि , मुख नावत , 
सो छवि कहत न बनिया 
जो रस नन्द – जसोदा बिलसत , सो नहि तिंहू भुवानियां 
भोजन करि नन्द अचमन लीन्हौ , माँगत सूर जुठनियाँ 
श्री कृष्ण नन्द की गोदी में बैठकर भोजन कर रहे है, उन्हें दही अधिक पसंद है | वह मिश्री, दही और माखन को मिलाकर अपने मुँह में डालते है, वह खुद भी खाते है और कुछ नन्द बाबा को भी खिलाते है और यह मनोरम दृश्य देखकर माँ यशोदा धन्य हो जाती है | 
MCQ || पद 

1. पद के रचियता कौन है ?
नाभादास 
सूरदास                     
कबीरदास 
तुलसीदास 
2. सूरदास जी का जन्म कब हुआ था ?
1542 
1478 
1548 
1456 
3. सूरदास की मृत्यु कब हुई थी ?          
1544 
1478 
1583  
1456
4. सूरदास जी जन्म कहाँ हुआ था ?
सीही ग्राम 
पीही ग्राम 
शाही ग्राम 
पाली ग्राम 
5. सूरदास जी किस भाषा के कवि थे ?
अवधी 
संस्कृत 
ब्रजभाषा 
मैथिली 
6. सूरदास जी किस धारा के कवि थे ?
कृष्णाश्रयी 
रामश्रयी 
शैव्य 
इनमें से कोई नहीं 
7. सूरदास जी को किस चीज़ की भूख है ?
कृष्ण की जूठन की 
प्रेम की 
राधा के प्यार की 
8. सूरदास जी किस मुग़ल बादशाह के समकालीन थे ?
शाहजँहा 
अकबर 
बाबर 
औरंगज़ेब 
9. निम्नलिखित में से कौन सी रचना सूरदास जी की नहीं है ?
सूरसागर 
सुरसावली 
सतसई 
साहित्य लहरी 
10. सूरदास जी किस काल के कवि माने जाते है ?
आदिकाल 
रीतिकाल 
भक्तिकाल 
आधुनिक काल  
11. सूरदास के दीक्षा गुरु कौन थे ? 
रामानंद 
वल्लभाचार्य 
विठ्ठलनाथ 
अग्रदास 
12. सूरदास के कृतियों के नाम बताये ?
सूरसागर 
साहित्य लहरी 
राधारसकेली 
उर्पयुक्त सभी 
13. ब्रजभाषा की विशेषता क्या थी ?
कोमलता 
लालित्य 
माधुर्य 
उर्पयुक्त सभी 
14. सूरदास के पद किस पुस्तक से ली गई है ?
सूरसागर 
साहित्य लहरी  
राधारसकेली 
सुरसावली 
15. सूरदास जी ने शिक्षा कैसे ग्रहण की ?
स्वाधाय द्वारा ज्ञानर्जन 
काव्य रचना सगींत 
विशाल लोकज्ञान 
उर्पयुक्त सभी 
16. तमचुर का क्या अर्थ होता है ?
उल्लू 
कौआ 
तोता 
मुर्गा 
17. सूरदास किस मार्ग में दीक्षित हुए थे ?
ष्टिछाप
संत मार्ग 
पुष्टि मार्ग   
इनमे से कोई नहीं 
18. कनियाँ का क्या अर्थ है ?
गोद 
हाथ 
बहु 
स्त्री 
19. भगवान श्री कृष्ण किस कवि के पूज्य थे ?
तुलसीदास 
नाभादास 
कबीरदास 
सूरदास 
20. द्वितीय पद में किस खाद्य पदार्थ का उल्लेख नहीं हुआ है ?
दही 
माखन 
मिश्री 
अपूप 
21. वल्लभाचार्य से मिलने से पूर्व सूरदास किस भाव के पद गाते थे ?
प्रेम 
दैन्य 
घृणा 
विरक्त 
22. प्रस्तुत प्रथम पद में कृष्ण  सूचना  दी जा रही है ?
दोपहर होने की 
रात्रि होने की 
भोर होने की 
इनमे से कोई नहीं 
23. प्रथम पद में गाय किस ओर  दौड़ती है ?
बाड़े की ओर 
खेतों की ओर 
घरों की ओर 
जंगल की ओर 
 24. कृष्ण कहाँ बैठकर भोजन कर रहे है ?
नन्द की गोद में 
यशोदा की गोद में 
कदम्ब के पेड़ पर 
यमुना के किनारे 
25. सूरदास के पिता का नाम क्या था ?
महेशदास 
रवि सिंह 
रामदास 
जमुनादास 
26. सूरदास के माता का नाम ?
जमुनाबाई 
जमुनादास 
कर्म देवी 
शांति देवी 
27 . सूरदास के काव्य में किस रस का प्रयोग हुआ है ?
वात्स्ल्य  
श्रृंगार  
वीररस  
प्रेमरस  

Answer the questions 

1). कृष्ण खाते समय क्या -क्या करते है ?

कृष्ण खाते समय अपने बाल व्यबहार के कारण सबका मन मोह लेते है | भोजन करते समय वे कुछ खाते है, और कुछ धरती पर गिराते है | वे दही, माखन, मिश्री मिलाकर खुद खाते है और नन्द बाबा को भी खिलाते है | 

2). गाये किस ओर दौड़ पड़ी ?

भोर हो गई है, कृष्ण को जगाया जा रहा है , कमल के फूल खिल चुके है , गायें बाड़े की ओर बछड़ों को दूध पिलाने के लिए दौड़ पड़ी 

3). कृष्ण के थाली में कौन कौन से व्यंजन रखे है ?

कृष्ण के थाली में बरी बेसन दही मिश्री माखन आदि व्यंजन रखे हुए है | 

 4). कृष्ण किसकी गोद  में बैठ कर भोजन कर रहे है ?

कृष्ण नंद बाबा के गोद में बैठकर भोजन कर रहे है 

 


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