व्याकरण खण्ड
1. विलोम शब्द
2. लिंग – निर्णय
3. पर्यायवाची शब्द
4. अनेक शब्दों के एक शब्द
5. मुहापरे का अर्थ
6. संधि – विच्छेद
7. समास
8. उपसर्ग
9. प्रत्यय
10. संज्ञा
11. सर्वनाम
12. विशेषण
13. कारक
14. काल
15. वाक्य संसोधन
16. निबंध
17. पत्र-लेखन
1. विलोम शब्द
वह शब्द जो दिये गये शब्द के उल्टे अर्थ को प्रकट करता है, उसे विलोम शब्द कहते है।
1. आयात – निर्यात
2. अमीर – गरीब
3. विख्यात – कुख्यात
4. सुलभ – दुर्लभ
5. आर्द्र – शुष्क
6. नौकर – मालिक
7. सरल – कठिन
8. स्वतंत्रता- परतंत्रता
9. सगुन – अपसगुन
10. बड़ा – छोटा
11. सयाना – मुर्ख
12. उतर – प्रश्न
13. निर्बलता -सबलता
14. व्यवहार -सिद्धांत
15. स्वध्याय -अध्यापन
16. वास्तविक – अवास्तविक
17. अकारण – कारण
18. मलिनता – स्वच्छत
19. देव – दानव
20. असहाय-समर्थ
21. जटिल – सरल
22. नीरस – सरस
23. कठिन – सरल
24. विकल – अविकल
25. आर्य
26. अमृत
27. आय
28. आधार
29.
30.
31.
32.
33.
34.
35.
36.
37.
38.
39.
40.
2. लिंग निर्णय
संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु के नर या मादा जाति का पता चले उसे लिंग कहते है ।
निम्नलिखित का लिंग निर्णय करे
1. कमीज –
2. –
3. बलवान –
4. अभिनेता
5. आयुष्मान –
6. भड़का
7. पिता
8. फवि
9. लेखक
10. शिक्षक
3. पर्यायवाची शब्द
वह शब्द जो दिये गये शब्द का सामान अर्थ प्रकट करे, उसे पर्यायवाची शब्द कहते है।
1. समान
2. कृष्ण
3. मोर
4. चोर
5. घर –
6. नम
7. सरांपर
8. पादप
9. कर –
10. मुर्दा
11. लहू
12. घाव
13. झुठ
14. चकमा
15. चिट्टी
16. राजा-नरेश
17. रचना
18. गोद-अंक
19. छौना-बालक
20. बहन-भगिनी
20. विश्व
21. दूध-पय
4. अनेक शब्दों के एक शब्द –
वह शब्द जो दिये गये समुह का शाब्दिक अर्थ प्रकट करे उसे अनेक शब्दों के एक शब्द बोलते है।
1. जिसकी गर्दन सुंदर हो – सुग्रीव
2. जो सबकुछ जानता हो – सर्वज्ञ
3. जो कुछ नही जानता हो अज्ञ
4. जिसकी दस आनन हो-दशानन
5. जिसकी चार भुजाएं हो चतुर्भुज
6. उदर लंबा घे – लंबोदर
7. आँखों के सामने- प्रत्यक्ष
8. जिसका जन्म पहले हो-अनुज
9. जिसका जन्म पिछे हुआ हो – अनुज
10. गिरा हुआ आदमी – पतित
5. मुहावरे का अर्थ
वह शब्द जिसका सामान्य अर्थ ना होकर कोई विशेष अर्थ हो उसे मुहावरा कहते है।
1. कमर कसना
2. कमर टूटना
3. टेढ़ी खीर
4. सिर उठाना
5. दाल न गलना
6. पैर भारी होना
7. कर्म फूटना
8. आँखे चार होना
9. चांदी होना
10. तलवे चाटना –
खुशामद करना
11. दिल हल्का करना
राहत महसूस करना
6. संधि – विच्छेद
संधि के द्वारा जो शब्द बनते है उसे अलग -अलग करना ही संधि – विच्छेद कहते है
संधि के 3 प्रकार होते है
1. स्वर – संधि
2. व्यंजन – संधि
3. विसर्ग – संधि
निम्लिखित का संधि – विच्छेद करें
1. पवन
2. नायक
3. विधालय
4. विधार्थी
5. महर्षि
6. हिमालय
7. अधोगति
8. उल्लास
9. तल्लीन
10. नीरोग
11. मनोरथ
12. यशोदा
13. व्याकुल
14. वाड्मय
15. पावक
16. भावुक
17. नदीश
18. व्यर्थ
19. संतोष
20. दुर्जय
21. संस्कृत
22. हिमालय
23. संसार
24. संयोग
25. पवित्र
26. दिग्गज
27. पवन
28. महर्षि
29. उच्चारण
30. उच्छृंखल
31. उद्धत
32. उद्धघाटन
33. उन्नति
34. उद्योग
35. उल्लेख
36. दुर्ग
37. पयोद
38. तृष्णा
39. यथेष्ठ
40. निश्चल
41. नाविक
42. परमेश्वर
43. मनोरथ
44. स्वागत
45. संसार
46. शैलेन्द्र
47. दिगम्बर
48. पवित्र
49. वार्तालाप
50. नायक
51. अन्वेषण
52. उदगम
53. नयन
54. संवत
55. सूक्ति
7. समास
दो या दो से अधिक शब्दो या पदों को मिलकर जो नया और छोटा शब्द जो बनता है उसे समास कहते है
समास के 6 भेद होते है
1. तत्पुरुष समास
2. अव्ययीभाव समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वंद्व समास
6. बहुब्रीहि समास
समास बतायें
1. युधिष्ठिर – तत्पुरुष
2.चौराहा – द्विगु
3. पुरुषोत्तम – तत्पुरुष
4. गौरीशंकर – द्वन्द्व
5. लम्बोदर – बहुब्रीहि
6. आजन्म – अव्ययीभाव
7. राजकन्या – तत्पुरुष
8. दिनानुदिन – अव्ययीभाव
9. देशभक्ति – तत्पुरुष
10. पीताम्बर – बहुब्रीहि
11. यथाशक्ति – अव्ययीभाव
12. कमलनयन – कर्मधारय
13. पाप-पुण्य – द्वन्द्व
14. कामचोर – तत्पुरुष
15. चतुरानन – बहुब्रीहि
16. गजानन – बहुब्रीहि
17. गंगा-यमुना – द्वन्द्व
18. त्रिभुज – द्विगु
19. चक्रपाणि – बहुब्रीहि
20. अपादमस्तक – अव्ययीभाव
21. कठखोदवा – तत्पुरुष
22. गौशाला – तत्पुरुष
23. चिड़ीमार – तत्पुरुष
24. गंगापुत्र – तत्पुरुष
25. परमेश्वर – कर्मधारय
26. नवरत्न – द्विगु
27. भात-दाल – द्वन्द्व
28. आजकल – द्वन्द्व
29. प्रतिदिन – अव्ययीभाव
8. उपसर्ग
वह अक्षर या अक्षर समूह जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर दे उसे उपसर्ग कहते है
1. खुशबू
2.
3.
4.
5.
6.
7.
8.
9.
10.
9. प्रत्यय
जो शब्दांश अंत में जोड़े जाते है उन्हें प्रत्यय कहते है
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
8.
9.
10.
10. संज्ञा
वह शब्द जो किसी वस्तु व्यक्ति स्थान गुण दशा और क्रियाकलाप का बोध कराये उसे संज्ञा कहते है
संज्ञा के 5 भेद होते है
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. समूहवाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
5. भाववाचक संज्ञा
निम्लिखित कौन संज्ञा है
1. धुआं – भाववाचक संज्ञा
2. आदमी – जातिवाचक संज्ञा
3. त्रिकोण – जातिवाचक संज्ञा
4. कान – जातिवाचक संज्ञा
5. शेक्सपियर – व्यक्तिवाचक संज्ञा
6. देश – जातिवाचक संज्ञा
7. मीटिंग – समूहवाचक संज्ञा
8. पत्र – भाववाचक संज्ञा
9. संसार – जातिवाचक संज्ञा
10. मुर्गा – जातिवाचक संज्ञा
11. मंदिर – जातिवाचक संज्ञा
11. सर्वनाम
वह शब्द जो किसी संज्ञा के बदले में प्रयोग किया जाता है उसे सर्वनाम कहते है
सर्वनाम के 6 भेद होते है
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चायवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चायवाचक सर्वनाम
4. संबधवाचक सर्वनाम
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम
निम्नलिखित वाक्यों में सर्वनाम और उसके प्रकार को पहचाने
1. कोई चुटीली बात याद आ गई और हॅंस पड़े
कोई – अनिश्चायवाचक सर्वनाम
2. इसे कौन स्वीकार नहीं करेगा
कौन – प्रश्नवाचक सर्वनाम
3. इसकी पूर्ण काव्यकला प्रवीण मंडली में है
इसकी – निश्चयवाचक सर्वनाम
4. हम दो आदमी प्रेमपूर्वक बातें कर रहें है
हम – पुरुषवाचक सर्वनाम
12. विशेषण
वह शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताये उसे विशेषण कहते है
विशेषण के 4 प्रकार होते है
1. गुणवाचक विशेषण
2. परिमाणवाचक विशेषण
3. संख्यावाचक विशेषण
4. सार्वनामिक विशेषण
निम्नलिखित का विशेषण बनावें
1. महत्ता-महत्वपूर्ण
2. गरीबी-गरीब
3. स्नेह-स्नेही
4. प्रेम-प्रेमी
5. शक्ति-शक्तिशाली
6. कानून-क़ानूनी
7. गॉंव-ग्रामीण
8. कल्पना-कल्पित
9. शीत-शीतल
10.अवलम्ब-अवलम्बित
11. मोह-मोहक
12. आकर्षण-आकर्षण
13. व्यक्ति- व्यक्तिगात
14. वैधन्य-विधवा
15. साहस-साहसी
16. तीव्रता- तीव्रतम
17. समाज-सामाजिक
18. लक्षण-लाक्षिणक
19. शर्म-शर्मिला
20. विचार -वैचारिक
21. स्मरण -स्मरणीय
22. प्रसंग -प्रासंगिक
23. आत्मा -आत्मीय
24. इन्द्रिय-ऐन्द्रिय
13. कारक
किसी वाक्य मुहावरा या वाक्यांश में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ उनके सम्बन्ध के अनुसार रूप के बदलने को ही कारक कहते है
कारक के 8 भेद होते है
1. कर्ता कारक ( ने )
2. कर्म कारक ( को )
3. करण कारक ( से )
4. सम्प्रदान कारक ( को के लिए )
5. आपादान कारक ( से )
6. अधिकरण कारक ( में पर )
7. संबध कारक ( का के की )
8. संबोधन कारक ( हे अरे )
14. काल
समय के अनुसार क्रिया के बदले हुए रूप को काल कहते है
काल के 3 भेद होते है
1. वर्तमान काल
2. भूतकाल
3. भविष्यत् काल
15 . वाक्य – संशोधन
किसी भी वाक्य को वचन वर्तनी और लिंग के अनुसार ठीक करने की प्रक्रिया को वाक्य संसोधन कहते है
1. मैं तुमसे रविवार के दिन मिलूँगा
मैं तुमसे रविवार को मिलूँगा
2. मुझे तीस रूपया चाहिए
मुझे तीस रूपये चाहिए
3. कृपया कर यह पत्र लिखे
कृपया यह पत्र लिखे
4. हमें सदैव हमेशा परिश्रम करना चाहिए
हमें सदैव परिश्रम करना चाहिए
5. वह मुझे बुलाया है
उसने मुझे बुलाया है
6. भगवान के अनेकों नाम है
भगवान के अनेक नाम है
7. इस समय चार बजा है
इस समय चार बजे है
8. मैं तो आपका दर्शन करने आया हूँ
मैं तो आपके दर्शन करने आया हूँ
9. मैंने नया किताब ख़रीदा है
मैंने नई किताब खरीदी है
10. दस बजा है
दस बजे है
16 . निबंध
किसी भी विषय पर विचारों को क्रमबद्ध कर सुन्दर सुगठित और सुबोध भाषा में लिखी गई गध रचना को निबंध कहते है इसे निम्नलिखित तरीकों से लिखा जाता है ( मोनतेन निबंध के जन्मदाता कहे जाते है )
परिचय
भूमिका
विस्तार
निष्कर्ष
उपसंहार
17. पत्र – लेखन
किसी कागज पर अपने सगे-संबधियो मित्रों विधालय महाविधालयो विश्वविधालय और सरकारी दफ्तरों को भेजे गए संदेश को पत्र कहते है
पत्र 2 प्रकार के होते है
1. औपचारिक पत्र
2. अनौपचारिक पत्र
वह पत्र जो सगे संबधियो को लिखे जाते है उसे औपचारिक पत्र कहते है
वह पत्र जो विधालय महाविधालयो विश्वविधालय और सरकारी दफ्तरों को भेजे या लिखे जाते है उसे अनौपचारिक पत्र कहते है