कारक किसे कहते है ?
किसी वाक्य मुहावरा या वाक्यांश में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ उनके सम्बन्ध के अनुसार रूप के बदलने को ही कारक कहते है।
अर्थात व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की वह अवस्था जिसके द्वारा वाक्य में उसका क्रिया के साथ संबंध प्रकट होता है उसे कारक कहते है।
कारक को प्रकट करने के लिए संज्ञा और सर्वनाम के साथ जो चिन्ह लगाये जाते है, उन्हें विभक्तियाँ कहते है
कारक के आठ भेद होते
1. कर्ता कारक
2. कर्म कारक
3. करण कारक
4.संप्रदान कारक
5. आपादान कारक
6. संबंध कारक
7. अधिकरण कारक
8. संबोधन कारक
तो चलिए सब को हम एक एक कर के समझते है
1 . कर्ता कारक
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से कार्य करने का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहते है।
पहचान – ने
1. लड़की ने मुझसे प्यार किया
2. अमर ने पुस्तक खरीदी
3. मोहन ने पत्र पढ़ा
4. काजल ने पत्र लिखा
5. कृष्ण ने सुदामा की मदद की
6. अमर ने गाड़ी खरीदी
2 . कर्म कारक
क्रिया का फल जिस संज्ञा या सर्वनाम को प्राप्त होता है, वह कर्म कारक कहलाता है ।
पहचान – को
1. अमर ने शेर को मारा
2. लड़की ने पत्र को लिखा
3. गोपाल ने राधा को बुलाया
4. कृष्ण ने कंस को मारा
5. उसने अमर को पढ़ाया
6. उसने पत्र को लिखा
7. राम को बुलाओ
8. राम ने रावण को मारा
9. लड़की ने लड़का को देखा
10. बड़ो को सम्मान दो
3 . करण कारक
जिस संज्ञा के सहायता से कार्य संपन्न हो उसे करण के कारक कहते है।
पहचान – से
अमर ने कलम से लिखा ।
बालक गेंद से खेल रहा है।
रहीम गेंद से खेलता है ।
4 . सम्प्रदान कारक
कर्ता जिसके लिए कुछ कार्य करता है, या कुछ देता है उसे
व्यक्त करने वाले रूप को संप्रदान कारक कहते है।
पहचान – के लिए
1. स्वास्थ्य के लिए व्यायाम करो
2. सुनील रवि के लिए गेंद लाया है
3. हम पढ़ने के लिए स्कूल जाते है
4. अमर ने सुमन के लिए चाय बनाया
5 . आपादन कारक
संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु का दुसरी वस्तु से अलग होने का बोध हो उसे अपादान कारक कहते है।
पहचान – से
1. पेड़ से पत्ता गिरा
2. बच्चा छत से गिर पड़ा
3. हिमालय से गंगा निकलती हैं
4. अमर छत से गिर गया
5. दूल्हा घोड़े से गिर पड़ा
6. चूहा बिल से बाहर निकला
6 . सम्बन्ध कारक
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से एक वस्तु का सम्बन्ध दूसरी वस्तु से प्रकट हो उसे सम्बन्ध कारक कहते है
पहचान – का, के, की, ना, ने, नी, रा, रे, री
1. यह बाइक पूजा की है
2. वह राम की बेटी है
3. वह सुनील की गाड़ी है
4. बच्चे का सिर दर्द कर रहा है
5. राम के चार पुत्र है
6. वह रोहित का खिलौना है
7. मैं भारत का नागरिक हूँ
7 . अधिकरण कारक
संज्ञा का वह रूप जिसमे क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते है।
पहचान – में, पर, अंदर, के, ऊपर, के भीतर, के बीच
1. पानी में मछली रहती है।
2. बंदर जंगल में रहता है।
3. महल में दीपक जल रहा है
4. सेना पहाड़ के बीच में है
5. फ्रीज में आम रखा हुआ है
6. मेरी परीक्षा जून में होगी
7. मैं छत पर खड़ा हूँ
8. मोर छत पर नाच रहा है
9. चूहा टोकरी में बैठा है
10. अमर बिस्तर पर सो रहा है
8 . संबोधन कारक
जिस संज्ञा से किसी को बुलाने या पुकारने का भाव प्रकट हो उसे संबोधन कारक कहते है ।
पहचान – हे अरे
अरे भैया!
हे गोपाल!
Exercise Based On कारक
निम्नलिखित वाक्य में कौन सा कारक है
1. अमर ने कलम ख़रीदा – कर्ता कारक
2. चूहा बिल से बहार निकला
3. पेड़ से पत्ता गिरा
4. मेढक छत पर नाच रहा है
5. सुमन ने स्कूटी खरीदी
6. साक्षी ने पत्र लिखा है
7. हिमालय पर चढ़ना आसान है
8. अमर की किताब अच्छी है
9. पाँच रूपये का चावल दो
10. अमर कलम से लिखता है
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